ग़ज़ल - ए दोस्त मेरे दिल से ना जाने की बात कर | By Dr. Manju Jauhari 'Madhur'

ऐ दोस्त मेरे दिल से ना जाने की बात कर
रुठा हुआ है दिल तू मनाने की बात कर।

ये काफिले तो जिंदगी में होंगे हर घड़ी,
तू फिर से मुझे भूल न जाने की बात कर
ऐ दोस्त मेरे दिल से ना जाने की बात कर
रुठा हुआ है दिल तू मनाने की बात कर।

यादों के उजाले हैं वो यादों की बारातें,
संग बैठ मेरे सपने सजाने की बात कर
ऐ दोस्त मेरे दिल से ना जाने की बात कर
रुठा हुआ है दिल तू मनाने की बात कर।

रिसते हुए जख्मों पे मेरे ना लगा मरहम
छाले पड़े जो तेरे हैं तू उनकी बात कर
ऐ दोस्त मेरे दिल से ना जाने की बात कर
रुठा हुआ है दिल तू मनाने की बात कर।

ये सच है साथ खाईं थी बचपन मैं रोटियाँ
हाथों से माँ के खाए निवालों की बात कर
ऐ दोस्त मेरे दिल से ना जाने की बात कर
रुठा हुआ है दिल तू मनाने की बात कर।


रचनाकार:
डॉ० मंजु जौहरी 'मधुर'
8851760946

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